इसे दिनचर्या का नियम बना लेना चाहिए और निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए।
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इसे दिनचर्या का नियम बना लेना चाहिए और निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए।
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भगवान कृष्ण के अनुसार कर्म अर्थात कर्त्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन करना ही धर्म है।
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बात अपने हित की हो अथवा दूसरे के हित की, जो शुद्ध हो उसका निष्ठापूर्वक पालन करना ही व्रत कहलाता है।
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इसी का परिणाम है कि विश्व की वर्तमान दुर्गति हो रही है मनुष्य धर्म का मर्म समझ सके, शुद्ध आचरण का महत्व जान सके, अनीति को पहचानने की सामर्थ्य प्राप्त कर सके, माता-पिता, गुरु, वृद्धजन के प्रति अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करना ही मानव जीवन का प्रधान उदेश्य है।